Menu

भीमशिला: केदारनाथ की अद्भुत कथा

भीमशिला: केदारनाथ की अद्भुत कथा:-

Story of Bhimshila in Kedarnath

केदारनाथ धाम, जो उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित है, हिन्दू धर्म के सबसे पवित्र तीर्थस्थलों में से एक है। यहाँ स्थित भगवान शिव का मंदिर हर साल लाखों भक्तों को अपनी ओर आकर्षित करता है। लेकिन केदारनाथ के इस दिव्य स्थल से जुड़ी एक अनोखी कथा है जो ‘भीमशिला’ के नाम से प्रसिद्ध है। यह कथा 2013 में आई विनाशकारी बाढ़ से जुड़ी है जिसने केदारनाथ धाम और उसके आसपास के इलाकों को तबाह कर दिया था। लेकिन इस प्राकृतिक आपदा के बीच भीमशिला ने एक चमत्कारिक ढंग से केदारनाथ मंदिर की रक्षा की।

भीमशिला का रहस्य

भीमशिला एक विशालकाय शिला है जिसे 2013 की बाढ़ के समय मंदिर के पीछे देखा गया था। इस शिला की विशेषता यह है कि जब बाढ़ के दौरान मांडकिनी नदी का पानी और उसके साथ आई मलबे की बाढ़ मंदिर की ओर बढ़ रही थी, तब इस शिला ने मंदिर के पीछे आकर उसे सुरक्षित कर दिया। माना जाता है कि यदि यह शिला उस समय मंदिर के पीछे न होती, तो बाढ़ और मलबा मंदिर को पूरी तरह से नष्ट कर सकता था।

भीमशिला की पौराणिक कथा

भीमशिला को लेकर एक पौराणिक कथा भी प्रचलित है। कहा जाता है कि यह शिला महाभारत के भीम द्वारा स्थापित की गई थी। जब पांडव अपने पापों का प्रायश्चित करने के लिए केदारनाथ की यात्रा पर थे, तब भीम ने इस शिला को उठाकर मंदिर के पीछे स्थापित किया था। इसलिए इसे ‘भीमशिला’ कहा जाता है। हालांकि, यह कथा एक लोककथा के रूप में अधिक प्रसिद्ध है और इसका कोई ऐतिहासिक प्रमाण नहीं है।

Bhimshila kedarnath

चमत्कार और श्रद्धा

भीमशिला को लेकर स्थानीय लोगों और श्रद्धालुओं के बीच गहरी श्रद्धा है। लोग इसे भगवान शिव की कृपा और चमत्कार मानते हैं कि कैसे यह शिला समय पर आकर मंदिर की रक्षा के लिए सामने आ गई। इस घटना ने केदारनाथ धाम की पवित्रता और महत्व को और भी बढ़ा दिया है।

कैसे करें भीमशिला का दर्शन?

भीमशिला का दर्शन करने के लिए आपको केदारनाथ धाम की यात्रा करनी होगी। केदारनाथ धाम पहुँचने के लिए आपको पहले गुप्तकाशी या सोनप्रयाग तक पहुँचना होगा। यहाँ से 16 किलोमीटर की कठिन चढ़ाई के बाद आप केदारनाथ मंदिर पहुँच सकते हैं। मंदिर के पीछे ही भीमशिला स्थित है, जिसे दर्शन के लिए आपको मंदिर परिसर में जाना होगा।

यदि आप पैदल यात्रा करने में असमर्थ हैं, तो घोड़े, खच्चर, और पालकी की सुविधा भी उपलब्ध होती है। इसके अलावा, सोनप्रयाग से हेलीकॉप्टर सेवा भी ली जा सकती है जो आपको सीधे केदारनाथ पहुँचाती है।

Click here to know about how to visit and plan Chardham Yatra

दर्शन के लिए सबसे अच्छा समय

केदारनाथ धाम का मंदिर साल भर नहीं खुला रहता। यहाँ दर्शन के लिए सबसे अच्छा समय मई से जून और सितंबर से अक्टूबर के बीच होता है। इस समय मौसम सुखद रहता है और यात्रा करने में आसानी होती है। जुलाई और अगस्त के महीनों में बारिश के कारण यात्रा जोखिमपूर्ण हो सकती है, इसलिए इन महीनों में यात्रा से बचना चाहिए। सर्दियों के दौरान, नवंबर से अप्रैल तक, मंदिर बर्फ से ढका रहता है और इस दौरान मंदिर के कपाट बंद रहते हैं।

भीमशिला के साथ जुड़ी यह कथा केदारनाथ की महिमा और भगवान शिव की अनुकंपा को दर्शाती है। यह हमें यह भी सिखाती है कि किस प्रकार अदृश्य शक्तियां कठिन समय में हमारी रक्षा करती हैं। केदारनाथ धाम का दर्शन करने वाले हर भक्त के लिए यह शिला एक आस्था का प्रतीक है, जो उन्हें इस पवित्र स्थल की महिमा की याद दिलाती है।

If you want to Plan to visit Kedarnath, Nature Holiday Trip is one of the best option available to you. In case of any guidance also you can connect with us. Visit our website on regualr basis to stay updated about Chardham Yatra.

Leave a Reply

Open chat
Hello
How Can we help you?
Verified by MonsterInsights